आम आदमी

मैं एक आम आदमी हूँ.

आपने मुझे भीड़ भरी जगहों पर अक्सर देखा होगा. मेरे चेहरे या व्यक्तित्व में ऐसा कुछ नहीं है जो देर तक याद रहे.
फिर भी मैने सुना है कि सरकार मेरे ही दम पर चलती है और  बड़ी बड़ी फिल्मों ,अखबारों ,टी वी चेनलों और किताबों का नायक मैं ही हूँ.

मैं बड़ा जुगाडू हूँ ,हमेशा किसी न किसी जुगाड़ में लगा रहता हूँ पर अक्सर जरा सी लापरवाही से चूक जाता हूँ( पर इससे हिम्मत बिलकुल नहीं हारता).

मुझे अपने दिमाग पर नाज है जो कमपूटर से भी तेज चलता है. सरकार की बेतुकी योजनाओं की  मैं अपने फार्मूलों से हवा निकल देता हूँ. पड़ोसी और रिश्तेदार मुझे धोका नहीं दे पाते.

बातें करना मुझे बेहद पसंद है और आप किसी भी क्षेत्र में  कोई भी सलाह मुझसे मुफ्त में ले सकते हैं. अजनबियों को दोस्त बनाने और अपना काम निकालने में मुझे जरा भी देर नहीं लगती.

मेरी बातें बड़ी- बड़ी होती हैं पर खर्चा करने से पहले मैं हजारों बार सोचता हूँ और जानकारों की सलाह लेता हूँ. मेरी जेब से पैसा निकालने में अच्छे अच्छों को पसीना आ जाता है.


चाहे रोना- झीकना हो या हँसाना- मुस्कुराना , दोनों में मुझे महारत हासिल है ,बस जरा सा मौका चाहिए. पर मेरा रोना पीटना देख कर अक्सर लोगों को  हंसी आ जाती है और कभी कभी मैं इतना हंस देता हूँ कि मेरे आंसू निकल जाते हैं.

मिलाना जुलना मेरी आदत है पर मिल-जुल कर काम करने में मुझे तकलीफ होती है.  मेरी जिन्दगी में कभी खुशी  की लहरें और कभी गम के थपेड़े आते जाते रहते हैं.

मैं अक्सर सोया सोया और खोया खोया सा रहता हूँ.

मेरे जाग जाने से क्रांति की शुरुआत होती है.

चित्र -आभार - Pleasure Gait Farms

1 comment:

  1. सही शब्द चित्र खींचा है...

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