किसी भी रचनाकार को उसकी रचना को ज्यादा से ज्यादा लोगों के सामने लाने  से से आत्मसुख मिलता है. एक शब्दकार के लिए उसकी कृति का प्रकाशित होना एक बड़ी घटना है जिसका उसे सदा इंतज़ार रहता है..

इसी विचार के अधीन एक नयी श्रंखला आरम्भ कर रहा हूँ-'प्रकाशित'.

यहाँ में उन पलों का आनंद सहेजूंगा जब किसी मध्यम के द्वारा मेरी किसी कृति पर प्रकाश डाल कर उसे प्रकाशित किया गया आर्थात लोगों के सामने लाया गया.

आरम्भ अपने बचपन की कुछ रचनाओं से कर रह हूँ.

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