मंगता
मलंग बाबा अधिकतर अपनी भक्ति की मस्ती में डूबे रहते और कई
बार अजीब सी हरकतें और बातें भी करते थे। कुछ लोग उनको कोई बहुत पहुंचा हुआ सिद्धः
पुरुष मानते तो कई लोग उन्हें फ्राड बाबा भी मानते थे। जो भी हो शहर में उनके नाम की
धूम थी और उनकी कुटिया पर हर वक्त लोगों का हुजूम देखने को मिलता। इस भीड़ से बहुत से
लोगों का धंदा चलता था। कुछ भक्तों ने बाबा का सोशल मीडिया पर अकाउंट भी खोल दिया है
जिसपर लाखों फॉलोअर भी जुड़ गए थे।
पिछले कुछ दिनों से कुछ असामाजिक तत्वों ने बाबा के भक्तों
को बेवजह परेशान करना शुरू कर दिया था जिससे वह आहत थे। अपने भक्तों की सलामती की गुहार
लगाने के इरादे से एक दिन बाबा ने जिलाधिकारी
महोदय के घर का रुख किया। बंगले पर जिलाधिकारी के स्टाफ के कुछ लोग भी बाबा के भक्त
निकले जिन्होने उन्हें सम्मान से वहाँ बैठाया और आवभगत की। जब इंतज़ार की अवधी कुछ अधिक बड़ी हो गयी तो बाबा ने
जानना चाहा कि वह(जिलाधिकारी) किस कार्य में
व्यस्त है। बाबा को बताया गया कि जिलाधिकारी महोदय तो ईश्वर की पूजा अर्चना कर रहे
है।
इस पर बाबा अचानक उठ खड़े हुए और वापस जाने लगे। भक्तों ने
उनके वापस जाने का कारण जानना चाहा तो वे बोले , " मैं तो यहाँ कुछ मांगने आया था पर जिससे
मैं कुछ पाने की उम्मीद रखता था वह तो खुद एक मंगता है जो प्रभु के दरबार में याचना
कर रहा है। मुझे लगा मैं गलत जगह आ गया हूँ। मुझे जो भी चाहिए वह मैं सीधे भगवन से
ही मांग लूँगा। एक मंगता भला दूसरे मंगता को क्या दे पायेगा ?”
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