बस अलग रखना शुरू कर दो


आम तौर पर एक घर के कचरेदान में अक्सर पाई जाने वाली चीजें हैं -
1. फल-सब्जियों के छिलके या रसोई से निकला हुआ कचरा .
2..पुराने अखबार ,किताबें, कपडे बर्तन या कोई भी ऐसा सामान जो आप समझते हैं की अब आपके काम का नहीं है.   
3. टूटे हुए बर्तन, खिलोने, फर्नीचर आदि
4. काँच ,प्लास्टिक या अन्य किसी चीज के टुकडे हो सकते हैं .
5. पुरानी बैटरी ,दवाई ,पेंट ,या रसायन (chemicals) जो अब काम के नहीं है.
अक्सर इन चीजों को घर में एक ही कचरेदान में मिला कर रख दिया जाता है जिसे हर रोज या तो कोई व्यक्ति आकर हमसे ले जाता है या हमारे घर का कोई व्यक्ति इसे इलाके के सामूहिक कचरेदान में डाल देता है. 
अगर ध्यान से देखें तो इनमें अलग अलग तरह की चीजों को अलग अलग तरीके से सदुपयोग किया जा सकता है.
वानस्पतिक खाद बनाने योग्य वस्तुओं की खाद बनाई जा सकती है.
ऐसी चीजें जो आपके इस्तमाल की नहीं रही पर कोई और खुशी से इस्तेमाल कर सकता है उसको किसी जरूरतमंद को देने से किसी का भला हो सकता है और आपको दुआ मिल सकती है.
ऐसी चीजें जिनका पुनर्चक्रण या री-साइक्लिंग हो सकता है उन्हें बेचा जा सकता है..
बहुत सी चीजों का सजावट या घर में काम आने वाला सामान हस्तकला द्वारा बनाया जा सकता है.
अंत में बचती हैं ऐसी चीजें जो अगर उसी रूप में फेंक दी गयी तो किसी को नुक्सान पहुंचा सकती है. असल में बस यही वो चीजें हैं जिनको कचरेदान में डालना सही होगा.
बाकी चीजों को हम घर में अलग अलग जगह रख कर उनके यथाचित उपयोग के रास्ते ढूँढ सकते है. इस छोटे से काम से से हमारे घर/ कालोनी/ शहर / देश/ दुनिया का कचरा आश्चर्यजनक रूप से कम हो जायेगा और उस से जुडी समस्याये और खर्चे भी.


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