क्रम संख्या |
शीर्षक |
पत्रिका /पुस्तक का नाम [प्रकाशक] |
ISBN / RNI / ISSN No |
पृष्ठ संख्या |
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1 |
अष्टांग योग |
अक्षरा(जुलाई-अगस्त, 2016) [म.प. राष्ट्र भाषा
प्रचार समिति] |
2456-7167 |
21 |
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2 |
अष्टांग योग एक परिचय |
नवांकुर(अगस्त, 2016) [अरविंदो सोसाइटी
पॉन्डचेरी] |
CHHIN/2013/50863 |
13 |
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3 |
हिंदी और मीडिया |
Indian Author [Authors gulid of
India] |
28641/76 Delhi ISSN 2349-686X |
24 |
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4 |
हिंदी सिखाने में
फ़िल्मीगीतो की भूमिका |
हिंदी की दुनिया ,दुनिया में
हिंदी [मिलिंद प्रकाशन
, हैदराबाद] |
978-81-905703-3-2 |
259 |
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5 |
सिनेमा और हिंदी |
भाषा सहोदरी वर्ष 5 अंक1 [भाषा सहोदरी,हिंदी] |
DELHIN28802/2017 |
60 |
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Pratilipi.com |
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कामकाजी हिंदी की दशा
एवं दिशा |
भाषासहोदरीवर्ष 5 अंक1[भाषा सहोदरी, हिंदी] |
DELHIN28802/2017 |
62 |
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18 |
रचनाकार [Rachanakar.org] |
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19 |
रचनाकार[Rachanakar.org] |
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20 |
जन संचार माधयम (मीडिया, सोशल मीडिया सहित) भाषा, व्यव्हार,उत्तरदायित्व और नैतिकता |
भाषा सहोदरी वर्ष 3 अंक9[भाषा सहोदरी, हिंदी] |
DELHIN/2017/75205 ISSN 2582-1679 |
30 |
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21 |
योग एक समपूर्ण दृष्टि |
विद्याभारती स्मारिका (अक्टूबर)[अखिल हिंदी साहित्य सभा, नासिक] |
महाराष्ट्र/1166/ना |
59 |
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22 |
हिंदी साहित्य और
भारतीयसंस्कृति : वैश्विक परिदृश्य |
हिंदी साहित्य और
भारतीयसंस्कृति : वैश्विक परिदृश्य[मिलिंद प्रकाशन , हैदराबाद] |
978-81-905891-5-9 |
126 |
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23 |
समदृष्टि |
हिचकी (मार्च-अप्रैल,19 ) [कल्पना श्रीवास्तव, आगरा] |
UPBIL/2016/72901
(SSIN 2455-7757) |
45 |
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24 |
चमचा |
भारत के कलमकार [साहित्य संगम,
बेनगलुरु] |
NA |
116 |
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25 |
रचनाकार[Rachanakar.org] |
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26 |
Pratilipi.com |
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27 |
रचनाकार[Rachanakar.org] |
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28 |
योग एक समपूर्ण दृष्टि |
कादम्बिनीक्लब हैदराबाद
राजतोस्तवसंसामारिका [कादम्बिनीक्लब हैदराबाद] |
NA |
94 |
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29 |
Pratilipi.com |
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30 |
रचनाकार[Rachanakar.org] |
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31 |
योग की आत्मा |
दक्षिण समाचार, 20-06-20 [श्री नीरज कुमार] |
00455/90 |
2 |
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Pratilipi.com |
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43 |
अमीरों का देश |
साहित्य समीर दस्तक(सितम्बर-अक्टूबर, 2020 ) [कीर्ति श्रीवास्तव ,भोपाल] |
MPHIN/2013/51137 |
29 |
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44 |
बार्गेन बार-बार |
साहित्य कलश (जुलाई सितम्बर, 2020 ) [संजय कुमार, पटियाला] |
PUNHIN/2014/65493 (2348-8174) |
20 |
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45 |
स्वस्थ रहें, मस्त रहें |
साहित्य कलश (अप्रैल जून, 2020 ) |
PUNHIN/2014/65493 (2348-8174) |
15 |
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46 |
रचनाकार[Rachanakar.org] |
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47 |
Pratilipi.com |
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48 |
वर्तमान परिपेक्ष में साहित्यकारों का दायित्व |
अनुभव वेबपत्रिका (अक्टूबर, 20 )[हिंदीलेखक.कॉम] |
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49 |
करोना काल: जीवन के
बदलते प्रतिमान और लेखन |
अक्षरा(दिसंबर, 20 ) [म.प. राष्ट्र भाषा
प्रचार समिति] |
2456-7167 |
39 |
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50 |
भाषा पत्रिका(अगस्त, 20 ) [केंद्रीय हिंदी
निदेशालय] |
0523-1418 |
64 |
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51 |
पत्रिका (01 जून 21) |
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52 |
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प्रतिलिपि.कॉम |
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53 |
बदलाव का आरम्भ |
अमृत विचार(11 जून 20) |
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54 |
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55 |
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प्रतिलिपि.कॉम |
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56 |
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प्रतिलिपि.कॉम |
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57 |
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प्रतिलिपि.कॉम |
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58 |
दुखद परिस्थिति |
दैनिक मिलाप (23 सितंबर
20) |
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60 |
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प्रतिलिपि.कॉम |
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61 |
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प्रतिलिपि.कॉम |
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62 |
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प्रतिलिपि.कॉम |
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63 |
व्यर्थ दोषारोपण से
बचें |
दैनिक मिलाप (26 मई 21) |
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64 |
प्रतिलिपि.कॉम |
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65 |
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प्रतिलिपि.कॉम |
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66 |
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प्रतिलिपि.कॉम |
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67 |
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प्रतिलिपि.कॉम |
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68 |
जिंदगी का गणित |
अविरल प्रवाह (प्रवेशांक, 20 )[नवीन कदम] |
NA |
17 |
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69 |
दुनिया की
नज़र में बदलते भारत की नयी-छवि
|
प्रतिलिपि.कॉम |
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70 |
साहित्य-हंट (मार्च, 21 )[sahityahunt.com] |
NA |
25-26 |
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71 |
दक्षिण और उत्तर भारत
की संस्कृति का एक तुलनात्मक अध्ययन |
समन्वय दक्षिण(अक्टूबर-दिसंबर 19) [केंद्रीय हिंदी
संस्थान,हैदराबाद केंद्र] |
Telhin/2016/70799 |
75 |
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72 |
आम आदमी |
अविरल प्रवाह( जनवरी – मार्च, 21 ) [नवीन कदम] |
NA |
08 |
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73 |
नवभारतटाइम्सब्लॉग (6 मई 21) |
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74 |
प्रतिलिपि.कॉम |
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75 |
नवभारतटाइम्सब्लॉग (04 सितंबर 21) |
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76 |
प्रकृति की पाती मानव के नाम |
प्रकृति की पुकार |
978-93-90449-36-1 |
119-120 |
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77 |
'हिंदी के विकास
में सिनेमा का योगदान' |
शोध-सिंधु पत्रिका (दिसंबर २०) [डा.धर्मेंद्र कुमार सिंह] |
UPBIL
04509/15/01/2015 |
31-34 |
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78 |
प्रकृति,पर्यावरण और स्वस्थ जीवन |
पर्यावरण संरक्षण और
स्वस्थ जीवन शैली केबीएस प्रकाशन,दिल्ली
|
978-93-90580-53-8 |
72-75 |
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79 |
नवभारतटाइम्स ब्लॉग (10जनवरी 22) |
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80 |
आधुनिक बनाम प्राचीन
शिक्षा प्रणाली |
संकल्य (अक्टूबर -दिसंबर 22) [हिंदी अकादमी,हैदराबाद] |
2277 9264 |
38-41 |
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81 |
वर्तमान समय में वेदांत
दर्शन की प्रासंगिकता |
शोध सिंधु (जून 21) [डा.धर्मेंद्र कुमार सिंह] |
UPBIL
04509/15/01/2015 ISSN 2454 5902 |
110-113 |
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82 |
विलुप्त होती भारतीय
भाषाएं और उनका बचाव |
शोध सिंधु (दिसंबर 21) [डा.धर्मेंद्र कुमार सिंह] |
UPBIL 04509/15/01/2015 ISSN 2454 5902 |
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83 |
मैं लिखूं या बिकूँ |
गभृनाल (अगस्त 22) {सुषमा शर्मा} |
2249-5967 |
15-16 |
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84 |
दैनिक जनसत्ता (19मई 22) |
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85 |
दैनिक जनसत्ता (15 फरवरी 22) |
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86 |
रचनाकार[Rachanakar.org] |
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87 |
रचनाकार[Rachanakar.org] |
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88 |
भारतीय ज्ञान परंपरा और
आधुनिक विज्ञान के सूत्र |
संगोष्ठी में प्राप्त
शोधपत्र (भारतीय भाषएं और ज्ञान परंपरा) |
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123-126 |
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89 |
नवभारतटाइम्स ब्लॉग (6 जून 23) |
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90 |
शब्द.in |
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91 |
भावनात्मक विकास में आध्यात्मिक शिक्षा की भूमिका |
भावनात्मकता को सुदृढ़ करती शिक्षा (शाश्वत
प्रकाशन) |
9788119281077 |
101-105 |
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92 |
शब्द.in |
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93 |
नवभारतटाइम्स ब्लॉग (10
जुलाई 23) |
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94 |
मान्यता |
Indian Author [Authors gulid of
India] |
28641/76 Delhi ISSN 2349-686X |
17 |
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95 |
एक धाकड़ व्यक्तित्व |
वट बृक्ष की छाँव (गीता प्रकाशन, हैदराबाद |
978-93-5980-271-8 |
453 |
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96 |
भारतीय जीवन पद्धधती एवं आयुर्वेद |
भावक (जुलाई – सितंबर 2022 [केन्द्रीय हिंदी संस्थान, आगरा) |
Uphin/2018/77043
(issn
– 2582-2424) |
52 -55 |
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97 |
प्रतिलिपि.कॉम |
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98 |
जनसत्ता 23 जनवरी 24 |
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99 |
महिमा मंडन |
विश्व हिंदी साहित्य_२३ [विश्व हिंदी सचिवालय, मरिशस] |
ISSN - 1694-3465 |
93 |
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100 |
संचार माध्यम और हिंदी का प्रसार |
हिंदी: वैश्विक व्याप्ति एवं प्रभाव [ पुस्तक भारती, टोरंटो, कनाडा ] |
9781989416976 |
149– 156 |
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