हिंदी साहित्य और भारतीय संस्कृति : वैश्विक परिदृश्य

बद्रुका कालेज ,हैदराबाद में १४/१५ दिसम्बर को एक दो दिन का अंतर्राष्टीय सम्मलेन हुआ जिसमें मुझे भी अपना शोधपत्र प्रस्तुत करने का अवसर मिला। इन शोधपत्रों को मिलिंद प्रकाशन ने एक पुस्तक के रूप में भी प्रकाशित किया है. शोधपत्रों केसार  को भी स्मारिका में प्रकाशित किया गया।






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