प्रियतम



जब रहा नहीं जायेगा
फिर कुछ तो कहा जायेगा
जो दिल से निकल रहा है
वो गीत बन जायेगा

शब्द तो इशारा भर है
उलझ न जाना
इन इशारों में प्रिये
ये इशारा
न जाने
किधर ले जायेगा

बाँध तोड़ कर बह निकली हैं
सदियों से दबी भावनाएं
अब कुछ न कहा जायेगा
अब सिर्फ बहा जायेगा

तुम कही चले मत जाना
मेरे पास ही बने रहना
तुम्हारी जुदाई का दर्द 
जब सहा नहीं जायेगा
तो कुछ न कहा जायेगा



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