मेरी पुस्तक दृष्टिकोण की समीक्षा छत्तीसगढ़ से प्रकाशित होने वाली पत्रिका नवांकुर में छपी है।





1 comment:

  1. सुंदर रचना दीपक । बच्चों में संवेदनाएं अभी भी बाकी हैं । जिसके कारण परिवार एवं समाज सुंदर है। बड़े लोग तो शमशान के मुर्दे ही हैं। वह तो मूक दर्शक ही बने रहेंगे ।

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