नोटबंदी में जो लोग येन-केन-प्रकारेण अपने काले धन को टुकड़ों- टुकड़ों मैं और कुछ लालची मददगारों
के दम पर सफ़ेद कर लेंगे उन्हें पकड़ पाना सरकार के लिए भी मुश्किल ही होगा.
जिन लोगों ने विदेशी बेंकों या कंपनियों के माध्यम से पहले ही सुरक्षा कवच पहन
लिया है उसे तोड़ना भी टेढ़ी खीर है. शायद बेनामी जमीन या मकान पर सरकार का शिकंजा
कुछ कस जाय.
इसमें मारे जायेंगे भोले और अज्ञानी जो अपने पैसे को न छुपाना जानते हैं और ना
ही सबूत तैयार कर अपना हक जाता सकते है . एक प्रसिद्द फिल्म का बहुचर्चित गाने के
बोल इन पर ठीक बैठते है-
छुपाना भी नहीं आता
जाताना भी नहीं आता
हमें तुमसे मोहब्बत है
बताना भी नहीं आता
क्या आप ऐसे लोगों में से तो नहीं ??
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