कभी कभी अलविदा भी कहना

कपडे ,जूते ,खिलोने ,किताबें ,बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक सामान ये सब चीजें अक्सर हम नयी नयी खरीदने की चाहत रखते है और जब भी मौका मिले खरीदते भी हैं.
जैसे ही हमारे पास नयी चीज आती है हम आमतौर पर उसी का इस्तेमाल ज्यादा करते है जब तक वो भी पुरानी नहीं हो जाती किसी और नयी चीज /मॉडल के आने पर . ये स्वाभाविक भी है. घर में भी नयी बहू को ही ज्यादा दुलार मिलता है.
पर इस घटनाक्रम में अक्सर एक चीज की उपेक्षा हो जाती है. वह है उस पुराने सामान को अलविदा कहना जिसकी अब जरूरत नहीं रही. हालाँकि ये जरूरी नहीं कि हर नयी चीज के आने पर कोई न कोई पुरानी चीज अनुपयोगी हो जाये पर अक्सर ऐसा होता भी है. जब ऐसा होता है तो अक्सर हम उस पुरानी चीज को ऐसे ही बने रहने देते है और वह हमारी अलमारी/कमरे में जगह घेरती रहती है. अगर हम उस चीज को वहां से हटा दें तो कुछ extra space निकल आयेगा जिसे हम अपनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल कर सकते है. उस चीज को हम किसी जरूरतमंद को दान या उपहार स्वरुप दे सकते है और इस काम में अपने इलाके की किसी संस्था की भी मदद ले सकते है.

अगली बार जब आप कोई नयी चीज खरीदने की सोचें तो एक बार इस बात पर भी विचार करके देखिये की क्या आपके मौजूदा सामान में से किसी चीज के कम करने की कोई जरूरत है. शायद इस बहाने किसी और का भला हो जाय और आपको अपने घर में कुछ अतिरिक्त जगह मिल जाय.

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