जिंदगी जो घर बनाने के चक्कर में कहीं खो सी गयी है उसका पता ढूँढ रहा हूँ हर जगह
दैनिक जनसत्ता में दिहाड़ी मज़दूरों पर मेरे विचार प्रकाशित हुए
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