आत्मा की प्रोफाइल को चाहिए शारीर का हार्डवेयर

एक टीवी शो 'राज पिछले जन्म का'(एन दी टी वी इमेजिन )   आजकल चर्चा में है.
इसमे रिग्रेशन थेरेपी से किसी व्यक्ति को उसके पूर्व जन्म की यादों में लेजाकर उसकी समस्या का निदान करते हैं .
पूर्वजन्म होता है या नहीं यह एक पहेली ही है और इसके जबाब में दुनिया बंटी हुई है ,
मैं व्यग्तिगत रूप से पूर्वजन्म पर पूरी तरह विश्वास नहीं कर पाता, पर यहाँ एक तर्क प्रस्तुत करना चाहता हूँ ,जिससे उनके ज्ञान चक्षु खुल सकते हैं जो इस तरह के सवाल करते हैं-

आत्मा अगर है तो दिखाओ कहाँ है ?
जब पिछले जन्म का शरीर ही नहीं रहा तो उसकी यादें कैसे बाकी रह सकती है. 

इस बारे में  मेरी सोच कुछ इस तरह है-

मेरा आई सी आई सी आई बैंक में एक  खाता है .इस खाते में जो भी लेनदेन या इससे जुडी किसी सूचना में कोई बदलाव होता है तो वो मेरी प्रोफाइलमें रिकॉर्ड  हो जाता है.
अब ये प्रोफाइल कोई वास्तविक चीज नहीं है जिसे आप छू सके, पर इसका अस्तित्व है. ये वास्तव में बैंक के सर्वर की मेमोरी इधर उधर बिखरे हुए सूचना के कई हिस्से है जिसे सही आदेश देने पर कंप्यूटर हमें जोड़ कर दिखने की क्षमता रखता है.सर्वर की  व्यवस्था कुछ इस तरह होती है कि जिस माध्यम या मीडिया पर सूचना दर्ज रहती है वो अगर नष्ट भी हो जाय तो भी सूचना नष्ट नहीं होती.इस तरह नश्वर मीडिया पर रह कर भी प्रोफाइल अमर बनी रहती है.  
प्रोफाइल को (पूरा या आंशिक रूप से ) जानने के लिए हमें एक हार्डवेयर (या आम भाषा में कम्पुटर ) की जरूरत होगी . ये हार्डवेयर ऐ टी ऍम मशीन हो सकती है या बैंक में लगा कोई टर्मिनल या फिर इन्टरनेट से जुड़ा आपका लैपटॉप हो सकता है. किसी न किसी माध्यम ( हार्डवेयर ) के द्वारा ही आप किसी प्रोफाइल की जानकारी ले सकते हैं. इस हार्डवेयर के जरिये ही हम अपनी प्रोफाइल में कोई बदलाव या लेनदेन कर सकते है.इस हार्डवेयर का असल काम होता है आपको सर्वर से जोड़ देना. 
अगर  कंप्यूटर जैसी साधारण मशीन को लेकर हम ऐसी व्यवस्था बना सकते हैं, तो इंसानी 'शरीर और दिमाग' से जो इन कंप्यूटर से कहीं ज्यादा उम्दा तकनीक पर आधारित हैं, इस तरह की व्यवस्था का अस्तित्व भी संभव है.
ये बिलकुल हो सकता है कि हम किसी भी शरीर से जो भी कर्म करें उनका लेखा जोखा एक प्रोफाइल की तरह बचा कर रखा जा सकता है एक व्यवस्था के तहत चाहे शरीत नष्ट होते रहें . और इस प्रोफाइल को जाना भी जा सकता है वर्तमान शरीर के माध्यम से ही बस आपके पास योग्यता और व्यवस्था होनी चाहिए इसे करने की और उस शरीर के मालिक की आज्ञा ऐसा करने की . 

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